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1. किस्मत पर यकीन है या मेहनत पर?
दोनों पर। वैसे पहले मेहनत फिर किस्मत..। किस्मत की बात तो तब होगी, जब हम मेहनत करेंगे।
2. आपके सबसे बडे आलोचक?
मेरे पापा, वही मेरे सबसे बडे आलोचक हैं। मैं जब स्कूल में था, तभी से उन्हें मेरा कोई काम पसंद नहीं आता था।
3. आपका कोई काम तो उन्हें पसंद आता होगा?
कोई नहीं। उन्हें मेरी फिल्में पसंद नहीं आतीं। मैं इंतजार करता रहता हूं कि कोई काम पसंद आ जाए और वे कुछ अच्छा बोलें, लेकिन नहीं..।
4. डैड की कौन-सी फिल्म पसंद है?
वे मेरे फेवरिट स्टार हैं। उनकी कर्ज, प्रेमरोग, जमाने को दिखाना है, चांदनी आदि फिल्में मुझे बेहद पसंद हैं।
5. अपने परिवार में कौन-सा अभिनेता आपको अधिक भाता है?
दादाजी, उनका काम हर तरह से अच्छा होता था। वे कमाल थे।
6. आपकी फेवरिट फिल्में?
दादाजी की श्री 420। यह मेरी ऑल टाइम फेवरिट है। इसे देखते हुए मैं कभी बोर नहीं होता। जीवन के हर रंग इस फिल्म में दिखते हैं।
7. समकालीन हीरो में पसंदीदां?
मुझे रणवीर सिंह, अर्जुन कपूर और आयुष्मान खुराना अच्छे लगते हैं। देल्ही बेली में इमरान खान का काम भी पसंद आया। दरअसल, कलाकार तभी पसंद आते हैं, जब उनका काम अच्छा होता है।
8. आप ऐक्टर नहीं होते तो क्या होते?
स्ट्रग्लिंग ऐक्टर होता। वैसे मैं बचपन में कराटे ट्रेनर बनना चाहता था। फिर फुटबॉल प्लेयर बनना चाहा। बार्सिलोना मेरी फेवरिट टीम है, पर ऐक्टिंग में आने के बाद तो सब छूट गया।
9. आप खुद को स्टार मानते हैं?
नहीं, मैं खुद को अच्छा इंसान बनाने की कोशिश कर रहा हूं। उसके बाद अच्छा अभिनेता बनना मेरी पहली प्राथमिकता है।
10. एक अभिनेता में क्या खास बातें होनी चाहिए?
अभिमान न हो तो अच्छा है। जब कोई हमसे मिलता है तो उसके अंदर हमारी एक छवि होती है। अगर आप सच में वैसे नहीं होते हैं, तो आपके फैन्स कम हो जाते हैं और हमारे लिए यह बडा नुकसान है।
11. आप सांवरिया को किस तरह याद करते हैं?
उसी तरह कि मुझे उसके लिए स्क्रीन टेस्ट देना पडा था। उसके पहले मैं संजय लीला भंसाली का ब्लैक में सहायक था। पहली फिल्म करने के दौरान डांट भी खाई।
12. बचपन से ही अभिनय की दुनिया में आने का इरादा था?
पहले तो इतनी समझ नहीं थी, लेकिन जब समझ आई, तब मैंने जाना कि इसके लिए पढाई उतनी जरूरी नहीं है। मैं पढने में डिब्बा था। पापा बिजनेस स्कूल में भेजना चाहते थे तो मैंने कहा, मुझे फिल्मी स्कूल में जाना है।
13. फिल्मों में आपके किरदार के नाम कभी बनी तो कभी मर्फी आदि होते हैं। क्या ऐसा तय होता है?
नहीं, यह कैरेक्टर पर तय होता है। रॉकस्टार में जॉर्डन, फिर रॉकेट सिंह, सिड आदि भी ऐसे नाम थे मेरे। आने वाली फिल्म बेशरम में मेरा नाम पेप्सी है। यह सब सोचकर नहीं होता।
14. दीपिका पादुकोण के साथ एक बार फिर काम करके कैसा लगा?
मजा आया, वे बहुत बडी स्टार हैं। जब अयान मुखर्जी ने ये जवानी है दीवानी के बारे में बात की थी, तब मैंने उनसे पूछा कि क्या दीपिका काम करने के लिए तैयार हैं? जब उन्होंने हां कहा, तो मैंने भी हां कर दिया। बडे स्टार के साथ कौन काम करना नहीं चाहेगा?
15. बर्फी के लिए आपको नेशनल अवार्ड नहीं मिला, तब कैसा लगा?
अच्छा नहीं लगा। सभी अवार्ड समारोहों में मुझे अवार्ड मिला था। बस इसी में नहीं, लेकिन वह अवार्ड जिन्हें मिला, वे ही उसके हकदार थे।
16. बॉलीवुड में जो भी आता है, राजकपूर, देव आनंद, दिलीप कुमार और राजेश खन्ना बनना चाहता है। आप क्या सोचते हैं?
मैं बस रणबीर कपूर बन कर रहना चाहता हूं, और कुछ नहीं।
17. आपने कभी बदतमीजी की है?
स्कूल के दिनों में खूब की है। इसके लिए टीचर व मॉम-डैड से मार भी खा चुका हूं।
18. स्टार और ऐक्टर में फर्क?
ऐक्टर बनने में बरसों लग जाते हें और स्टार तो लोग एक फिल्म से बन जाते हैं।
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